Thursday, August 12, 2010

Demon In A Bottle

"सॉरी, आपकी दूसरी किडनी भी फ़ेल हो गयी है. क्या, अब आप हॉस्पिटल में भर्ती होना चाहेंगे?"

"पहले, ठेके पर जाना चाहूँगा!"

हॉस्पिटल के कॉरिडोर में चलते, राहुल के चेहरे पर एक मुस्कान उभर रही थी. डॉक्टर, की बात आज तक किसने सुनी है? आज, उसे एक ही पैग चढाने का मौका मिला था! अपने, दिल की धीमी पड़ती धड्कन उसके कान सुन पा रहे थे. क्या, पता अभी वहीँ गिर पड़े? किसी तरह, राहुल कार तक पहुंचा.

कार, की डिकी में बकार्डी का एक पूरा पैक था! शराब पि कर गाड़ी चलाना हानिकारक है.

राहुल की नज़रें सड़क पर कम, और बोत्तल की तरफ जादा थीं! स्ट्रीट लाइट के निचे से गुज़र रही गाड़ी, कठपुतली की तरह चल रही थी. राहुल, अपनी यादों में खो चूका था! उसे, अभी भी याद थी वो मनहूस रात, जिस दिन उसने अपनी बीवी और दो बच्चों को एक्सीडेंट में खोया था! याद, थीं वो चीखें जो अब भी उसके दिमाग में घूम रहीं थीं! अपने, परिवार के खून से सने चेहरे...शराब पि कर गाड़ी चला रहे, राहुल को तो कुछ नहीं हुआ पर एक बोत्तल ने उसकी पूरी ज़िन्दगी उजाड़ दी.

पर, अब राहुल की दूसरी शादी हो चुकी थी! और, उसका एक बेटा भी था. अपनी, यादों में खोये राहुल को यह भी नहीं पता था, की आज उसके साथ वाला शैतान फिर से भूखा था! गाड़ी, खंभे से जा टकराई. पेट्रोल, के साथ ही कुछ और भी बह रहा था. खून!

रुको...गाड़ी का दरवाज़ा खुला, खून से रँगे जूते का निशान तारकोल पर पड़ा. अभी, राहुल जिंदा था. पूरा सूट खून से ज़रूर रंग चूका था, फिर भी चेहरे पर मुस्कान थी. राहुल, ने डिक्की खोली, और पागलों की तरह शराब की बोत्त्लें सड़क पर फेंकने लगा. यह, हर इंसान करता है. जगह कोई भी हो, वक़्त कोई भी हो, रंग कोई भी हो...खून सबका एक है...और, यह सड़क पर टूटतीं बोत्त्लें, राहुल की चीखें हैं. हर, किसी की अलग होती हैं.

एक, बोत्तल बची गयी! राहुल, का घर बस १५ मिनट दूर था! उसकी, आँखें अब नम नहीं थीं. शायद, आखिरी बोत्तल बचने की वजह से.

अपने, घर के सामने खड़े राहुल ने वोह बोत्तल ख़तम की और अन्दर घुस गया. उसकी नज़र किसी को ढूंढ रही थी. पर, यह क्या? यह तो उसकी पहली बीवी है! उसे, उसका पीछा करने का इशारा कर रही है!

"तुम जिंदा हो?"

राहुल के कदम उसकी नयी बीवी के कमरे में पड़े. रसोई से उठाया हुआ चाकू, उसके हाथ में चमक रहा था! एक, पल बाद उसकी बीवी का सर उसके हाथ में था. पूरा बिस्तर खून से नहा चूका था! उसके, बाद अपने बेटे को गोली मारी.

"मैं, मर चूका हूँ !"

चाकू, राहुल के सिने में से जगह बनता हुआ उसके दिल को चीर गया. पहले से ही खून सने, सूट पर नया खून लग गया!

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